समुद्र मंथन दुनीया के सबसे बडे चुतीयापा

समुद्र मंथन दुनीया के सबसे बडे चुतीया पा.. मेसे
एक, तो आवो मित्रो जानते है कैसे हुआ था समुद्र मंथन??

watch some chutiyapa of so called Brahmins who are created from the head of brahma. 90% indian need a revolution against Hinduism(evil trick of brahmin)

nude-hindu-porn-indian-goddess-sex-22 nude-hindu-porn-indian-goddess-sex-23 nude-hindu-porn-indian-goddess-sex-24 nude-hindu-porn-indian-goddess-sex-25 nude-hindu-porn-indian-goddess-sex-26 nude-hindu-porn-indian-goddess-sex-30 akram-hussain_lord-krishna-nude-hindu-radha-sexy-god

दैत्यराज बलि का राज्य तीनों लोकों पर
था। इन्द्र सहित
देवतागण उससे भयभीत रहते थे। इस
स्थिति के निवारण
का उपाय केवल विष्णु ही बता सकते थे,
अतः ब्रह्मा जी के साथ समस्त
देवताभगवान विष्णु के
पास पहुचे !
उन्होंने भगवान विष्णु
को अपनी विपदा सुनाई। सब सुन
कर विष्णु बोले तुम दैत्यों से मित्रता कर
लो और क्षीर
सागर को मथंन कर उसमें से अमृत निकाल कर
पान
कर लो। दैत्यों की सहायता से यह कार्य
सुगमता से
हो जायेगा।
इस कार्य के लिये उनकी हरशर्त मान
लो और अन्त में
अपना काम निकाल लो !! अमृत पीकर तुम
अमर
हो जाओगे और तुममें दैत्यों को मारने
का सामर्थ्य आ
जायेगा।
दैत्यराज बलि ने देवराज इन्द्र से
समझौता कर
लिया और समुद्र मंथन के लिये तैयार
हो गये।
मन्दराचल पर्वत
को मथनी तथा वासुकी नाग
को नेती बनाया गया।
स्वयं भगवान श्री विष्णु कच्छप अवतार
लेकर
मन्दराचल पर्वत को अपने पीठ पर रखकर
उसका आधार बन गये !!
“समुद्र मंथन आरम्भ हुआ और समुद्र मंथन से
निम्न चिजे
निकली !!
1:- सबसे पहले जल का हलाहल विष निकला,
विष
को शंकर भगवान के द्वारा पान कर
लिया गया उनका गला निला फड़ गया ।
2:- दूसरा रत्न कामधेनु गाय निकली जिसे
ऋषियों ने
रख लिया।
3:- फिर उच्चैःश्रवा घोड़ा निकला जिसे
दैत्यराज
बलि ने रख लिया।
4:- उसके बाद ऐरावत हाथी निकला जिसे
देवराज
इन्द्र ने ग्रहण किया।
5:- ऐरावत के पश्चात् कौस्तुभमणि समुद्र से
निकली उसे विष्णु भगवान ने रख लिया !!
6:- फिर कल्पद्रुम निकला और रम्भा नामक
अप्सरा निकली। इन दोनों को देवलोक में
रख लिया गया।
7:- फिर समु्द्र को मथने से
लक्ष्मी जी निकलीं।
लक्ष्मी जी ने स्वयं ही भगवान विष्णु
कोवर लिया।
8:- फिर एक के पश्चात एक चन्द्रमा,
पारिजात
वृक्ष तथा शंख निकले और अन्त में
धन्वन्तरि वैद्य
अमृत का घट लेकर प्रकट हुये।
मित्रो आप खुद समझ सकते हो कि ये
कितनी बडी बकवास है, पुरी तरह
काल्पनिक और
अवैग्यानिक है।।
कितनी अजीब बात हे कि जब भगवान
को भी कुछ
चाहीये होती तो उन्हे भी महनत
करना पडी ।।
वैसे तो समुर्द का मंथन करना कि एक
महा गप है ।।
फिर भी कुछ बेचारे लोग न चाहते हुए
भी इसगप्पे
को सच मानते है, इस पर स्वभाविक रुप से
मेरे मन मे
जो संकाये पैदा हो रही है वो कुछइस
प्रकार है ।।
1:- सबसे पहले कि स्मुद्र का मंथन
किया जा रहा है
तो क्या यह समुद्र के किनारे प
किया गया या फिर
बिच गहराई मे, किनारे पर
तो होगा नही तो बिच
गहाराई मे किया गया तो देवता तो ठिक
लेकीन
सभी राक्षसो को भी पानी पर
चलना आता था क्या ??
2:- समुद्र का मंथन करने से विष
निकला ????
समुद्र का मंथन करने से अगर नमक निकलने
की बात
कही गयी होती तो बात कुछ हजम
भी हो जाती,
और शंकर भगवान ने विष
पिया तो उनका गला निला पड गया,
इसका मतलब
विष बहुत जहरीला था, भगवान अगर और
अधीक
मात्रा मे पि लेते तो न जाने क्या अनर्थ
हो जाता ।।
3:- कामधेनु गाय उच्चैःश्रवा घोड़ा और्
एरावत
हाथी समुद्र से निकले ये क्या मजाक है,
अगर
किसी मछली के निकलने की बात
होती तो एक बार
समझ आता,
बेचारे मछुआरो कि जिन्दगी बीत जाती है
समुद्र मे जाल
फेंकते हुए उन्हे तो आज तक मछली और
केकड़ो के
अलावा कुछ नही मिला समुद्र से ???
4:- लक्ष्मी जी भी समुद्र मंथन से निकली,
तो जवान
होने तक लक्ष्मी जी समुद्र मे क्या कर
रही थी,
समुद से निकलने के बाद का उनके जिवन
का लेखा झोखा है लेकीन उनके स्मुद्र के अंदर
व्यतीत
किये जिवन का लेखा जोखा क्यो नही है???
समुद्र से निकलते हि विष्णू ने लक्ष्मी से
शादी करली तो कही एसा तो नही कि य
सब
लक्ष्मी को समुद्र से निकालने कि विष्णू
की चाल
तो नही थी????
5:- फिर चंद्र्मा भी समुद्र मंथन से निकला,
मित्रो इस
बात ने तो गप्पो की हद पार कर
दि,चंद्रमा जितना बड़ा ग्रह जो आकार मे
प्रथ्वी का एक चौथाई है, वो समुद्र से कैसे
निकल
सकताहै ???
6:- आखीरी मे समुद्र से अंम्रत का घडा लेकर
धन्वंतरी देव निकले,
धंनतरी भी तो देवता हि थे तो जब
देवताओ को अंम्रत
पीना हि था तो सिधा धन्वतरी देव से
कह देते वो खुद अंम्रत लेकर आजाते उसके लिये
ये सब
झमेला करने की क्या जरुरत थी???
या फिर देवताओ के बिच इतना संमर्क
भी नही था ???

मित्रो अगर आप चाहते है हमारा यह पेज कभी बंद ना गिरे तो मित्रो पेज के पोस्ट ज्यादा से ज्यादा लाईक शेअर करीये.. मित्रो आपका साथ ही मेरा ऊत्चाह है..